Helping The others Realize The Advantages Of वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
Helping The others Realize The Advantages Of वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
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वशीकरण को नैतिक रूप से सही नहीं माना जाता है. किसी व्यक्ति को उसकी इच्छा के विरुद्ध नियंत्रित करने का प्रयास करना गलत है. यह व्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन है.
ये एक strong wander off like back again spell है क्यों की इसके जरिये शक्तिशाली चुम्बकीय प्रभाव पैदा किया जाता है.
या भुज ते महिषासुर मारि और शुम्भ निशुम्भ दोऊ दल थम्बा आरत हेतु पुकारत हौं, जाइ कहां बैठी जगदम्बा खड्ग टूटो कि खप्पर फूटो कि सिंह थको तुमरो जगदम्बा आज तोहे माता भक्त शपथ बिनु शान्ति दिए जानि सोवहु अम्बा।
इस उपाय को पति पत्नी करे तो उनके बीच का रिश्ता मजबूत बन जाता है. ये उनके बिच आकर्षण को बढाता है.
कुछ सामान्य वशीकरण मंत्र इस प्रकार हो सकते हैं:
ॐ नमो भगवते कामदेवाय यस्य यस्य दृश्यो भवामि यश्च मम सुखं पश्यति तं तं मोहयतु स्वाहा।
(अमुक अमुका मतलब स्त्री या पुरुष का नाम)
तिलक काठी में निकलू घर से मोहे सकल संसार
तीन दिन के बाद जाप समाप्त होने पर नारियल किसी नदी में ससम्मान प्रवाहित कर दें
विधि: किसी भी शनिवार या रविवार के दिन रात में नरसिंह भगवान का पूजन गूगल जलाकर घृत, शक्कर, पान-सुपारी अर्पित कर एक हजार आठ बार मन्त्र जप कर जप वशीकरण मंत्र किसे चाहिए का दशांश होम करें। मन्त्र सिद्ध हो जाने पर रूई में चंदन और अपामार्ग को मिलाकर बत्ती बनाकर काजल तैयार करें। उस काजल को सात बार अभिमन्त्रित कर आँखों में लगाने से सभी लोग साधक पर मोहित होते हैं।
यहां एक छोटा सा जलाशय भी है जिसके कारण यह स्थान हमेशा नम रहता है। इस जल स्तोत्र का जल भी विशेष गुणों से भरपूर है। इसके सेवन से कई बीमारियाँ दूर हो जाती हैं। यहां हर साल अंबुबाची नामक मेला लगता है। इस समय देवी कामाख्या की उपस्थिति के कारण ब्रह्मपुत्र का जल रक्तिम हो जाता है।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय त्रिलोचनाय त्रिपुर वाहनाय अमुक मम वश्य कुरु कुरु स्वाहा
कामाख्या मंत्र को बहुत शक्तिशाली माना जाता है। इस मंत्र को सिद्ध करने वाले साधक के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। मंत्र सिद्धि के नियम कठिन हैं इसलिए इसे मजाक में लेना खतरनाक है। इस दिशा में तभी आगे बढ़ना चाहिए जब आत्मविश्वास हो और उपलब्धि के प्रति प्रतिबद्धता हो। साधना के आरंभ में विनियोग, करणे, अंग न्यास करें। इसके बाद ध्यान के लिए अपनी चेतना को देवी के निम्नलिखित अतुलनीय स्वरूप पर केंद्रित करें-
इसके बाद हाथ में जल लेकर मंत्र जाप का संकल्प लें और तीन दिन तक प्रतिदिन निम्नलिखित मंत्र की इक्यावन माला जाप करें।